अलसी (Linseed) के उपयोग और रोगों के इलाज
अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है।
अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 27 प्रतिशत फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं।
सम्पूर्ण विश्व ने अलसी को सुपर स्टार फूड के रूप में स्वीकार कर लिया है और इसे आहार का अंग बना लिया है, लेकिन हमारे देश की स्थिति बिलकुल विपरीत है, पुराने लोग अलसी का नाम भूल चुके है और युवाओं ने अलसी का नाम सुना ही नहीं है।
अलसी को अंग्रेज़ी में flax seeds पुकारा जाता है।
तो आइये जानते हैं अलसी से होने वाले फायदों के बारे में ,
1.) ओमेगा-थ्री हमे रोगों से करता है फ्री।
शुद्ध, शाकाहारी, सात्विक, निरापद और आवश्यक ओमेगा-थ्री का खजाना है अलसी।
ओमेगा-3 हमारे शरीर की सारी कोशिकाओं की संरचनाओं के बाहरी खोल या झिल्लियों का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
यहीं से ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, डिप्रेशन, आर्थ्राइटिस और कैंसर आदि रोगों की शुरूवात हो जाती है।
आयुर्वेद के अनुसार हर रोग की जड़ पेट है और पेट साफ रखने में यह इसबगोल से भी ज्यादा प्रभावशाली है। आई.बी.एस., अल्सरेटिव कोलाइटिस, अपच, बवासीर, मस्से आदि का भी उपचार करती है अलसी।
2.) अलसी शर्करा ही नियंत्रित नहीं रखती, बल्कि मधुमेह के दुष्प्रभावों से सुरक्षा और उपचार भी करती है।
अलसी में रेशे भरपूर 27% पर शर्करा 1.8% यानी न के बराबर होती है।
इसलिए यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह के लिए आदर्श आहार है।
3.) अलसी बी.एम.आर. बढ़ाती है,
खाने की ललक कम करती है, चर्बी कम करती है, शक्ति व स्टेमिना बढ़ाती है, आलस्य दूर करती है और वजन कम करने में सहायता करती है। चूँकि ओमेगा-3 और प्रोटीन मांस-पेशियों का विकास करते हैं अतः बॉडी बिल्डिंग के लिये भी नम्बर वन सप्लीमेन्ट है अलसी।
4.) हृदयरोग
अलसी कॉलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और हृदयगति को सही रखती है। रक्त को पतला बनाये रखती है अलसी। रक्तवाहिकाओं को स्वीपर की तरह साफ करती रहती है अलसी। यानी हार्ट अटेक के कारण पर अटैक करती है अलसी।
5.) सुपरस्टार अलसी एक फीलगुड फूड है,
क्योंकि अलसी से मन प्रसन्न रहता है, झुंझलाहट या क्रोध नहीं आता है,पॉजिटिव एटिट्यूड बना रहता है और यह आपके तन, मन और आत्मा को शांत और सौम्य कर देती है। यह एक प्राकृतिक वातानुकूलित भोजन है।
6.) त्वचा, केश और नाखुनों का नवीनीकरण या जीर्णोद्धार करती है अलसी।
अलसी के शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट ओमेगा-3 व लिगनेन त्वचा के कोलेजन की रक्षा करते हैं और त्वचा को आकर्षक, कोमल, नम, बेदाग व गोरा बनाते हैं। अलसी त्वचा में अंदर से निखार लाता है। त्वचा, केश और नाखून के हर रोग जैसे मुहांसे, एग्ज़ीमा, दाद, खाज, खुजली, सूखी त्वचा, सोरायसिस, ल्यूपस, डेन्ड्रफ, बालों का सूखा, पतला या दोमुंहा होना, बाल झड़ना आदि का उपचार है अलसी।
7.) चिर यौवन का स्रोत है अलसी।
बालों का काला हो जाना या नये बाल आ जाना जैसे चमत्कार भी कर देती है अलसी। किशोरावस्था में अलसी के सेवन करने से कद बढ़ता है।
8.) संक्रमण या आघात से लड़ने में मदद करती हैं
पृथ्वी पर लिगनेन का सबसे बड़ा स्रोत अलसी ही है जो जीवाणुरोधी, विषाणुरोधी, फफूंदरोधी और कैंसररोधी है। अलसी शरीर की रक्षा प्रणाली को सुदृढ़ कर शरीर को बाहरी संक्रमण या आघात से लड़ने में मदद करती हैं और शक्तिशाली एंटी-आक्सीडेंट है। लिगनेन स्त्री हार्मोन ईस्ट्रोजन का वानस्पतिक प्रतिरूप है और नारी जीवन की विभिन्न अवस्थाओं जैसे रजस्वला, गर्भावस्था, प्रसव, मातृत्व और रजोनिवृत्ति में विभिन्न हार्मोन्स् का समुचित संतुलन रखता है। अलसी मासिकधर्म को नियमित और संतुलित रखती है। अलसी रजोनिवृत्ति जनित-कष्ट और अभ्यस्त गर्भपात का प्राकृतिक उपचार है। अलसी दुग्धवर्धक है।
9.) जोड़ की हर तकलीफ का तोड़ है अलसी।
जॉइन्ट रिप्लेसमेन्ट सर्जरी का सस्ता और बढ़िया जुगाड़ है अलसी। आर्थ्राइटिस, शियेटिका, ल्युपस, गाउट, ओस्टियोआर्थ्राइटिस आदि का उपचार है अलसी। कई असाध्य रोग जैसे अस्थमा, एल्ज़ीमर्स, मल्टीपल स्कीरोसिस, डिप्रेशन, पार्किनसन्स, ल्यूपस नेफ्राइटिस, एड्स, स्वाइन फ्लू आदि का भी उपचार करती है अलसी।
10.) कभी-कभी चश्में से भी मुक्ति दिला देती है अलसी।
1952 में डॉ. योहाना बुडविग ने ठंडी विधि से निकले अलसी के तेल, पनीर, कैंसररोधी फलों और सब्ज़ियों से कैंसर के उपचार का तरीका विकसित किया था जो बुडविग प्रोटोकोल के नाम से जाना जाता है। बुडविग आहार पद्धति की विश्वसनीयता और ख्याति का आलम यह है कि गूगल पर मात्र बुडविग टाइप करने पर हजार वेब साइटें खुलती हैं जो चीख चीख कर कहती हैं,
बुडविग उपचार सम्बंधी सारी बारीकियां बतलाती हैं और बुडविग पद्धति से ठीक हुए रोगियों की पूरी जानकारियाँ देती हैं।
अलसी सेवन का तरीकाः
हमें प्रतिदिन 30–60 ग्राम अलसी का सेवन करना चाहिये। 30 ग्राम आदर्श मात्रा है। अलसी को रोज मिक्सी के ड्राई ग्राइंडर में पीसकर आटे में मिलाकर रोटी, पराँठा आदि बनाकर खाना चाहिये।
डायबिटीज के रोगी सुबह शाम अलसी की रोटी खायें।
जीवन हमारा है, फैसला भी हमारा होगा कि हमें निरोगी रहना है या कुछ और