12 जुलाई 2022

मोटापा कम करने or वजन घटाने के लिए असरदार घरेलू उपाय/home remedies to lose weight baba ramdev

मोटापा कम करने के लिए असरदार घरेलू उपाय


आजकल की अनियमित दिनचर्या और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण बहुत सी बीमारियों ने मनुष्य को जकड़ लिया है  उनमें से सबसे बड़ी बीमारी है  मोटापा मोटापे से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोग परेशान हैं ।  मोटापा बढ़ने के कारण हमारे शरीर में बहुत सारी परेशानियां पैदा होने लगती है, इसलिए मोटापे को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक है ।  वजन को कंट्रोल करने के लिए सही जानकारी का होना भी बहुत आवश्यक है । क्योंकि कई बार सही जानकारी के ना होने पर भी हम वजन नहीं घटा पाते हैं । 


इस लेख में हम आपको वजन घटाने के कुछ घरेलू उपाय और योगासनों के बारे में बताएंगे ।  जिन्हें करके आप भी अपना वजन आसानी से घटा सकते हैं ।



मोटापा कम करने के लिए 5 आसान घरेलू उपाय

Next Page »

लेबल: ,

18 सितंबर 2017

कैसे करें चेहरे की झाइयों का उपचार

कैसे करें चेहरे की झाइयों का उपचार

#chehre ki jhaiya ka gharelu ilaj in hindi,
आपके खूबसूरत चेहरे पर अगर झाईयां हैं, तो कहीं ना कहीं यह आपके आत्मविश्वास को भी प्रभावित करती हैं। आंखों के इर्द-गिर्द या फिर चेहरे पर झाइयां आपके सौंदर्य को प्रभावित करती हैं।
● चेहरे पर पड़ने वाली झाइयों का कारण आपके पेट में गड़बड़ी या हार्मोंस में असंतुलन हो सकता है। हालांकि झाइयों से मुक्ति पाने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। लेकिन कभी-कभी यह झाइयां समय के साथ ठीक भी हो जाती हैं। चेहरे की झाइयां दूर करने के लिए आप घरेलू उपचार भी अपना सकती हैं। आइए जानें चेहरे की झाइयों से मुक्ति पाने के लिए क्या करें। नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए तीन आयुर्वेदिक घरेलू उपाय

1) झाइयों से बचने के लिए जरूरी है कि आप तेज धूप से बचें। जब भी आप धूप में निकले तो छतरी का इस्तेमाल करें और अपनी आंखों को बचाएं।

2) धूप में घर से बाहर निकलते समय सनस्क्रीन लोशन जरूर लगाएं।

3) घरेलू उपाय अपनाते हुए आप घर में ही स्क्रब कर सकती हैं। स्क्रब के लिए जौ के आटे में दही, लेमन जूस और मिंट जूस मिलाकर चेहरे पर 2 से 3 मिनट तक मलें और लगभग 5मिनट के बाद चेहरा धो लें।

4) चेहरे की झाइयां दूर करने के लिए आप नींबू, हल्दी और बेसन का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगा सकते हैं।

5) अनिंद्रा भी झाइयों का कारण हो सकती है । इसीलिए आपकी नींद पूरी होना भी जरूरी है, इसके लिए आप समय पर सोएं और समय पर उठें।

6) रात को सोने से पहले चेहरे को जरूर धोए, ऐसा करने से झाइयां भी दूर होंगी और चेहरे की गंदगी भी दूर होगी।

गुटका, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, शराब से मुक्ति


7) रात को सोने से पहले मलाई में बादाम पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर हल्के हाथ से मसाज करें और ऐसे ही सो जाएं और सुबह उठकर बेसन से चेहरा धो लें।

8) सेब का गूदा या फिर पपीते के पल्प को चेहरे पर मलने से भी झाइयां दूर होती हैं।

9) बादाम, नींबू और मलाई का पेस्ट या फिर तुलसी की पत्तियों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से झाइयों को दूर करने में मदद मिलती हैं।

10) प्रतिदिन ताजा टमाटर काटकर, उसके रस से चेहरे पर हल्के हाथों से मसाज करने से झाईयां दूर होती हैं है।

11) चेहरे की झाइयां दूर करने के लिए आपका अंदरूनी स्वस्थ रहना जरूरी है ऐसे में आपको कम से कम रोजाना 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए।

12) प्रतिदिन बिना मसाले का एक गिलास गाजर का रस पीने से झाइयां दूर होती है।
13) स्वस्थ रहने के लिए आपको दूध, दही, हरी सब्जियां, सेब और सलाद इत्यादि अपने खाने में शामिल करना चाहिए।

लेबल: , , ,

17 सितंबर 2017

अलसी (Linseed) का सेवन करने के फायदे

अलसी (Linseed) के उपयोग और रोगों के इलाज

alsi ke beej ke fayde in hindi


अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है।

अलसी में 23 प्रतिशत ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20 प्रतिशत प्रोटीन, 27 प्रतिशत फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं।

सम्पूर्ण विश्व ने अलसी को सुपर स्टार फूड के रूप में स्वीकार कर लिया है और इसे आहार का अंग बना लिया है, लेकिन हमारे देश की स्थिति बिलकुल विपरीत है, पुराने लोग अलसी का नाम भूल चुके है और युवाओं ने अलसी का नाम सुना ही नहीं है।

अलसी को अंग्रेज़ी में flax seeds पुकारा जाता है।

तो आइये जानते हैं अलसी से होने वाले फायदों के बारे में ,

1.) ओमेगा-थ्री हमे रोगों से करता है फ्री।

शुद्ध, शाकाहारी, सात्विक, निरापद और आवश्यक ओमेगा-थ्री का खजाना है अलसी।
ओमेगा-3 हमारे शरीर की सारी कोशिकाओं की  संरचनाओं के बाहरी खोल या झिल्लियों का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

यहीं से ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, डिप्रेशन, आर्थ्राइटिस और कैंसर आदि रोगों की शुरूवात हो जाती है।

आयुर्वेद के अनुसार हर रोग की जड़ पेट है और पेट साफ रखने में यह इसबगोल से भी ज्यादा प्रभावशाली है। आई.बी.एस., अल्सरेटिव कोलाइटिस, अपच, बवासीर, मस्से आदि का भी उपचार करती है अलसी।

2.) अलसी शर्करा ही नियंत्रित नहीं रखती, बल्कि मधुमेह के दुष्प्रभावों से सुरक्षा और उपचार भी करती है।

अलसी में रेशे भरपूर 27% पर शर्करा 1.8% यानी न के बराबर होती है।
इसलिए यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह के लिए आदर्श आहार है।

3.) अलसी बी.एम.आर. बढ़ाती है,
खाने की ललक कम करती है, चर्बी कम करती है, शक्ति व स्टेमिना बढ़ाती है, आलस्य दूर करती है  और वजन कम करने में सहायता करती है। चूँकि ओमेगा-3 और प्रोटीन मांस-पेशियों का विकास करते हैं अतः बॉडी बिल्डिंग के लिये भी नम्बर वन सप्लीमेन्ट है अलसी।

4.) हृदयरोग

अलसी कॉलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और हृदयगति को सही रखती है। रक्त को पतला बनाये रखती है अलसी। रक्तवाहिकाओं को स्वीपर की तरह साफ करती रहती है अलसी। यानी हार्ट अटेक के कारण पर अटैक करती है अलसी।


5.)  सुपरस्टार अलसी एक फीलगुड फूड है,

क्योंकि अलसी से मन प्रसन्न रहता है, झुंझलाहट या क्रोध नहीं आता है,पॉजिटिव एटिट्यूड बना रहता है और यह आपके तन, मन और आत्मा को शांत और सौम्य कर देती है। यह एक प्राकृतिक वातानुकूलित भोजन है।
6.) त्वचा, केश और नाखुनों का नवीनीकरण या जीर्णोद्धार करती है अलसी।
अलसी के शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट ओमेगा-3 व लिगनेन त्वचा के कोलेजन की रक्षा करते हैं और त्वचा को आकर्षक, कोमल, नम, बेदाग व गोरा बनाते हैं। अलसी त्वचा में अंदर से निखार लाता है। त्वचा, केश और नाखून के हर रोग जैसे मुहांसे, एग्ज़ीमा, दाद, खाज, खुजली, सूखी त्वचा, सोरायसिस, ल्यूपस, डेन्ड्रफ, बालों का सूखा, पतला या दोमुंहा होना, बाल झड़ना आदि का उपचार है अलसी।

7.) चिर यौवन का स्रोत है अलसी।
बालों का काला हो जाना या नये बाल आ जाना जैसे चमत्कार भी कर देती है अलसी। किशोरावस्था में अलसी के सेवन करने से कद बढ़ता है।

8.)  संक्रमण या आघात से लड़ने में मदद करती हैं
पृथ्वी पर लिगनेन का सबसे बड़ा स्रोत अलसी ही है जो जीवाणुरोधी, विषाणुरोधी, फफूंदरोधी और कैंसररोधी है। अलसी शरीर की रक्षा प्रणाली को सुदृढ़ कर शरीर को बाहरी संक्रमण या आघात से लड़ने में मदद करती हैं और शक्तिशाली एंटी-आक्सीडेंट है। लिगनेन स्त्री हार्मोन ईस्ट्रोजन का वानस्पतिक प्रतिरूप है और नारी जीवन की विभिन्न अवस्थाओं जैसे रजस्वला, गर्भावस्था, प्रसव, मातृत्व और रजोनिवृत्ति में विभिन्न हार्मोन्स् का समुचित संतुलन रखता है। अलसी  मासिकधर्म को नियमित और संतुलित रखती  है। अलसी  रजोनिवृत्ति जनित-कष्ट और अभ्यस्त गर्भपात का प्राकृतिक उपचार है। अलसी  दुग्धवर्धक है।
9.) जोड़ की हर तकलीफ का तोड़ है अलसी।
जॉइन्ट रिप्लेसमेन्ट सर्जरी का सस्ता और बढ़िया जुगाड़ है अलसी। ­ आर्थ्राइटिस, शियेटिका, ल्युपस, गाउट, ओस्टियोआर्थ्राइटिस आदि का उपचार है अलसी। कई असाध्य रोग जैसे अस्थमा, एल्ज़ीमर्स, मल्टीपल स्कीरोसिस, डिप्रेशन, पार्किनसन्स, ल्यूपस नेफ्राइटिस, एड्स, स्वाइन फ्लू आदि का भी उपचार करती है अलसी।

10.) कभी-कभी चश्में से भी मुक्ति दिला देती है अलसी।

1952 में डॉ. योहाना बुडविग ने ठंडी विधि से निकले अलसी के तेल, पनीर, कैंसररोधी फलों और सब्ज़ियों से कैंसर के उपचार का तरीका विकसित किया था जो बुडविग प्रोटोकोल के नाम से जाना जाता है।  बुडविग आहार पद्धति की विश्वसनीयता और ख्याति का आलम यह है कि गूगल पर मात्र बुडविग टाइप करने पर हजार वेब साइटें खुलती हैं जो चीख चीख कर कहती हैं,
बुडविग उपचार सम्बंधी सारी बारीकियां बतलाती हैं और बुडविग पद्धति से ठीक हुए रोगियों की पूरी जानकारियाँ देती हैं।

अलसी सेवन का तरीकाः
हमें प्रतिदिन 30–60 ग्राम अलसी का सेवन करना चाहिये। 30 ग्राम आदर्श मात्रा है। अलसी को रोज मिक्सी के ड्राई ग्राइंडर में पीसकर आटे में मिलाकर रोटी, पराँठा आदि बनाकर खाना चाहिये।
डायबिटीज के रोगी सुबह शाम अलसी की रोटी खायें।
जीवन हमारा है, फैसला भी हमारा होगा कि हमें निरोगी रहना है या कुछ और

लेबल: , , , , , , , ,

नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए तीन आयुर्वेदिक घरेलू उपाय

 नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए तीन आयुर्वेदिक घरेलू उपाय 
Ankhon ki roshni badhane ke tips in hindi
1. इन्द्रवरणा (बड़ी इन्द्रफला) के फल को काटकर अंदर से बीज निकाल दें। इन्द्रवरणा की फाँक को रात्रि में सोते समय लेटकर माथे पर बाँध दें। आँख में उसका पानी न जाये,यह सावधानी रखें। इस प्रयोग से नेत्रज्योति बढ़ती है।
2. त्रिफला चूर्ण को रात्रि में पानी में भीगोकर,सुबह छानकर उस पानी से आँखें धोने से नेत्रज्योति बढ़ती है।

3. जलनेति करने से नेत्रज्योति बढ़ती है। इससे आँख, नाक, कान के समस्त रोग मिट जाते हैं।

लेबल: , , , ,

13 मई 2017

गुटका, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, शराब से मुक्ति freedom from Gutka, tobacco, bidi, cigarette, alcohol


गुटका, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, शराब से मुक्ति freedom from Gutka, tobacco, bidi, cigarette, alcohol

1. अदरक के छोटे छोटे टुकड़े कर लो उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको किसी कांच या चीनी के बर्तन में डाल कर धूप मे सूखा लो | जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए और अदरक सूख जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को किसी कांच के बर्तन में रख लो l
जब भी गुटका,तंबाकू,बी ड़ी सिगरेट,शराब पीने का मन करे तो आप एक अदरक का टुकड़ा निकालो मुंह मे रखो और चूसना शुरू कर दो |
इसको चूसते रहो आपको गुटका खाने की तलब ही नहीं उठेगी, तंबाकू सिगरेट लेने की इच्छा ही नहीं होगी शराब पीने का मन ही नहीं करेगा |
Take small pieces of ginger, squeeze the lemons into it, add a little black salt and put it in a glass or sugar vessel and dry it in the sun. When its entire water ends and ginger dries, then these ginger pieces Put it in a glass vessel.
Whenever you want to drink gutka, tobacco, bidi, cigarettes, then put a piece of ginger in your mouth and start sucking.Keep sucking it
Not only will there arise, the desire to take tobacco cigarettes will not be the only way to drink alcohol.

21 अप्रैल 2017

कफ से आराम के घरेलू उपाय

कफ से आराम के घरेलू उपाय  :-

1. कफ के कारण यदि गला बैठ गया हो, तो रात में सोते समय ४-५ काली मिर्च, बताशे के साथ चबाकर सो जाये |
2. गरम वस्तु के सेवन के पश्चात ठंडा खा लेने पर अक्सर गला बैठ जाता है, ऐसा न करें |
3. मुलहठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर दाँतो से चबाकर चूसते रहे, इससे गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द आदि भी चला जाता है |
4. २-३ लौंग चबाने से कफ से राहत मिलती है |
5. पानी में तुलसी की पत्ती और शहद मिलाकर काढ़ा बना लें, इसका सेवन सुबह शाम करने से कफ निकल जाता है | 

20 अप्रैल 2017

हल्‬‍दी वाला दूध पीने के 7 लाभ


*हल्‬‍दी वाला दूध पीने के 7 लाभ*

===================
बहुत फायदेमंद हैं हल्‍दी वाला दूध। दूध जहां कैल्शियम से भरपूर होता है वहीं दूसरी तरफ हल्‍दी में एंटीबायोटिक होता है। दोनों ही आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। और अगर दोनों को एक साथ मिला लिया जाये तो इनके लाभ दोगुना हो जायेगें। आइए हल्‍दी वाले दूध के ऐसे फायदों को जानकर आप इसे पीने से खुद को रोक नहीं पायेगें ।
1.सांस संबंधी समस्‍याओं में लाभकारी
----------------------
हल्दी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते है, इसलिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम होता है। यह मसाला आपके शरीर में गरमाहट लाता है और फेफड़े तथा साइनस में जकड़न से तुरन्त राहत मिलती है। साथ ही यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है
2. मोटापा कम करें
---------------
हल्दी वाले दूध को पीने से शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी घटती है। इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल और अन्‍य पोषक तत्व वजन घटाने में मदगार होते है।
3. हडि्डयों को मजबूत बनाये
-----------------------
दूध में कैल्शियम और हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी के कारण हल्दी वाला दूध पीने से हडि्डयां मजबूत होती है और साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। हल्दी वाले दूध को पीने से हड्डियों में होने वाले नुकसान और ऑस्टियोपोरेसिस की समस्‍या में कमी आती है ।
4. खून साफ करें
-------------
आयुर्वेदिक परम्‍परा में हल्‍दी वाले दूध को एक बेहतरीन रक्त शुद्ध करने वाला माना जाता है। यह रक्त को पतला कर रक्त वाहिकाओं की गन्दगी को साफ करता है। और शरीर में रक्त परिसंचरण को मजबूत बनाता है।
5. पाचन संबंधी समस्‍याओं में लाभकारी
----------------------
हल्‍दी वाला दूध एक शक्तिशाली एंटी-सेप्टिक होता है। यह आंतों को स्‍वस्‍थ बनाने के साथ पेअ के अल्‍सर और कोलाइटिस के उपचार में भी मदद करता है। इसके सेवन से पाचन बेहतर होता है और अल्‍सर, डायरिया और अपच की समस्‍या नहीं होती है।
6. दर्द कम करें
------------
हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया का निदान होता हैं। साथ ही इसका रियूमेटॉइड गठिया के कारण होने वाली सूजन के उपचार के लिये प्रयोग किया जाता है। यह जोड़ो और मांसपेशियों को लचीला बनाता हकै जिससे दर्द कम हो जाता है
7. गहरी नींद में सहायक
-------------------
हल्‍दी शरीर में ट्रीप्टोफन नामक अमीनो अम्ल को बनाता है जो शान्तिपूर्वक और गहरी नींद में सहायक होता है। इसलिए अगर आप रात में ठीक से सो नहीं पा रहें है या आपको बैचेनी हो रही है तो सोने से आधा घंटा पहले हल्दी वाला दूध पीएं। इससे आपको गहरी नींद आएगी और नींद ना आने की समस्या दूर हो जाएगी।

तुलसी के गुणकारी उपयोग

तुलसी के गुणकारी उपयोग 
• तुलसी के पत्तों के रस को हल्का गर्म करके थोड़ा सा कपूर मिलाकर कान में 2-3 बूंद डालने से कान का दर्द समाप्त होता है। 
• कान से पीब बहने या कान में दर्द होने पर कुछ दिनों तक लगातार कान में तुलसी के पत्तों का रस गर्म करके डालना चाहिए। इससे कान का दर्द ठीक होता है और पीब का बहना बंद होता है।
कान की सूजन व गांठ :
• तुलसी के पत्ते और एरण्ड के ताजे मुलायम पत्ते बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें और फिर इसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर कान के पीछे लगाएं। इससे कान की सूजन दूर हो जाती है और गांठे ठीक होती है। इसका उपयोग कनफेडा रोग में भी किया जाता है।
बहरापन (कम सुनाई देना) :
• तुलसी के पत्तों का रस गर्म करके प्रतिदिन कान में डालने से बहरापन दूर होता है।
दाद :
• तुलसी के पत्तों का रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में 2 से 3 बार दाद पर लगाने से दाद ठीक होता है। इसके उपयोग से खाज-खुजली, मुंहासे, काले धब्बे, झांई आदि त्वचा के रोग ठीक होते हैं।
• दाद से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन तुलसी के पत्तों का रस 12 मिलीलीटर की मात्रा में पीना चाहिए।
• तुलसी के 100 पत्ते और चौथाई चम्मच नमक को मिलाकर पीस लें और इसमें आधा नींबू निचोड़कर दाद पर लेप करें। इससे दाद व खाज-खुजली ठीक होती है।
• तुलसी के 100 पत्ते और लहसुन की 5 कली को एक साथ पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक होता है।

19 अप्रैल 2017

दालचीनी के उपयोग




दालचीनी के उपयोग 

• दालचीनी का तेल दर्द, घावों और सूजन को नष्ट करता है।


• दालचीनी को तिल के तेल, पानी, शहद में मिलाकर उपयोग करना चाहिए। दर्द वाले स्थान पर मालिश करने के बाद इसे रातभर रहने देते है। मालिश अगर दिन में करें तो 2-3 घंटे के बाद धोएं।

• दालचीनी त्वचा को निखारती है तथा खुजली के रोग को दूर करती है।

• दालचीनी सेहत के लिए लाभकारी है। यह पाचक रसों के स्त्राव को भी उत्तेजित करती है। दांतों की समस्याओं को दूर करने में भी यह उपयोगी है।

• रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।

बर्फ के ये 15 फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप

बर्फ के 15 फायदे 

*1-कड़वी दवाई खाने से पहले मुंह में बर्फ का टुकड़ा रख लें, दवाई कड़वी ही नहीं लगेगी।*
*2- यदि आपने बहुत ज्यादा खा लिया है और खाना पच नहीं रहा, तो थोड़ा-सा बर्फ का टुकड़ा खा ले। खाना शीघ्र पच जाएगा।*
*3- यदि आपके पास मेकअप का भी समय नहीं है या आपकी त्वचा ढीली पड़ती जा रही है तो एक बर्फ का छोटा-सा टुकड़ा लेकर उसे किसी कपड़े में (हो सके तो मखमल का) लपेट चेहरे पर लगाइए। इससे आपके चेहरे की त्वचा टाइट होगी और यह टुकड़ा आपकी त्वचा में ऐसा निखार ला देगा जो और कहीं नहीं मिलेगा।*

                            Image result for ice in head
*4- प्लास्टिक में बर्फ का टुकड़ा लपेटकर सिर पर रखने से सिरदर्द में राहत मिलती है।*
*5- यदि आपको शरीर में कहीं पर भी चोट लग गई है और खून निकल रहा है तो उस जगह बर्फ मसलने से खून बहना बंद हो जाता है।*
*6- कांटा चुभने पर बर्फ लगाकर उस हिस्से को सुन्न कर ले, कांटा या फांस आसानी से निकल जाएगा और दर्द भी नहीं होगा।*
*7- अंदरुनी यानी गुम चोट लगने पर बर्फ लगाने से खून नहीं जमता व दर्द भी कम होता है।*
*8- नाक से खून आने पर बर्फ को कपड़े में लेकर नाक के ऊपर चारों और रखें, थोड़ी देर में खून निकलना बंद हो जाएगा।*
*9- धीरे-धीरे बर्फ का टुकड़ा चूसने से उल्टी बंद हो जाती है।*
*10- पैरों की एड़ियों में बहुत ज्यादा तीखा दर्द हो तो बर्फ की क्यूब मलने से आराम मिलेगा।*
*11- आंखों के काले घेरे दूर करने के लिए खीरे के रस और गुलाब जल को मिलाकर बर्फ जमा लीजिए, फिर उस टुकड़े से काले घेरों पर मालिश करे, बहुत जल्द आपकी समस्या दूर होगी। और यदि ज्यादा देर मोबाइल या कंप्यूटर चलाने के बाद आपकी आंखें दर्द कर रही हैं तो बर्फ के टुकड़े को अपनी आंखों पर रखिए, जल्द ही राहत मिलेगी।*
*12- यदि आइब्रो बनवाते समय दर्द होता है तो एक बर्फ का टुकड़ा आइब्रो के चारों और घिस लीजिए, इससे यह हिस्सा थोड़ी देर के लिए सुन्न हो जाएगा और आपको दर्द भी नहीं होगा। यही तरीका शरीर के किसी और हिस्से पर भी लागू कर सकते हैं।*
*13- बर्फ का टुकड़ा गले के बाहर धीरे-धीरे मलने से गले की खराश ठीक हो जाती है।*
*14- जल जाने के तुरंत बाद बर्फ का टुकड़ा जले हुए स्थान पर लगाने से छाले और जलन शांत होती है। और निशान भी गहरा नही पड़ेगा।*
*15- इंजेक्शन लगने पर या पैर में मोच आने पर बर्फ मलने से दर्द, सूजन व खुजली कम होती है ।

18 अप्रैल 2017

आँख

For More आँख दुखने पर :-
गर्मी की वजह से आँखें दुखती हो तो लौकी को कद्दूकस करके उसकी पट्टी बाँधने से लाभ होता है।
आँखों से पानी बहने पर -
1. आँखें बन्द करके बंद पलको पर नीम के पत्तों की लुगदी रखने से लाभ होता है। इससे आँखों का तेज भी बढ़ता है।
2. रोज जलनेति करें। 15 दिन तक केवल उबले हुए मूँग ही खायें। त्रिफला गुगल की 3-3 गोली दिन में तीन बार चबा-चबाकर खायें तथा रात्रि को सोते समय त्रिफला की तीन गोली गर्म पानी के साथ सेवन करें। बोरिक पावडर के पानी से आँखें धोयें इससे लाभ होता है।
मोतियाबिंद (Cataract)एवं झामर
1. पलाश (टेसू) का अर्क आँखों में डालने से नये मोतियाबिंद में लाभ होता है। इससे झामर में भी लाभ होता है।
2. गुलाबजल में विषखपरा (पुनर्नवा) घिसकर आँजने से झामर में लाभ होता है।

शहतूत की औषधीय उपयोगिता .

शहतूत की औषधीय उपयोगिता .....

गर्मियाँ शुरू हो चुकी है और जंगलों में अनेक प्रकार के फल बहार पर है. शहतूत भी ऐसा ही जंगली फल है जो न केवल जंगलों में बल्कि सडकों और राजमार्गों के किनारे भी पाया जाता है और जिसके फल गर्मियों में प्रचुरता से उपलब्ध होते है. आदिवासियों के अनुसार शहतूत का रस पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है और इनका शर्बत भी बनाया जाता है. पातालकोट, मध्यप्रदेश के आदिवासी शहतूत के रस में चीनी मिलकर पीने की सलाह देते है उनका मानना की ऐसा करने से लू से बचाव होता है. शहतूत का रस हृदय रोगियों के लिए काफी लाभदायक होता साथ ही जिन लोगो को ज्यादा प्यास लगने की शिकायत हो उनके लिए भी शहतूत का रस फायदेमंद होता है. शहतूत और नीम की छाल को बराबर मात्र में पीसकर मुंहासों पर लगाने से आदिवासी मानते है इससे मुहांसे ठीक हो जाते है. शहतूत में विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्व पाए जाते है. शहतूत के सेवन से बच्चों को न केवल पर्याप्त पोषण प्राप्त होता है बल्कि यह बच्चों के पेट के कृमियों का भी नाश करता है. ऐसा माना जाता है की शहतूत का सेवन रक्तविकारों को नष्ट कर रक्त का शोधन करता है. गुजरात के डांग आदिवासी मानते है कि अगर शरीर के किसी भाग में सूजन हो तो उस पर शहतूत का रस और शहद मिलाकर लगाने से सूजन में राहत मिलती है. जिन्हें पैर के तलुओं में जलन की शिकायत रहती है उन्हें शहतूत का रस पीना चाहिए.

एक्जिमा से राहत के घरेलू नुस्खे

एक्जिमा से राहत के घरेलू नुस्खे :-
1. किसी लोहे की कड़ाही में २५० ग्राम सरसों का तेल डालकर आग पर चढ़ा ले| जब तेल खूब गरम होकर उबलने लगे, तो इसमें ५० ग्राम नीम की कोमल कोपले दाल दे | कोपलों के काले पड़ते ही कड़ाही को तुरंत निचे उत्तर ले| ठंडा होने पर तेल छानकर बोतल में भर ले| इसे दिन में ३-४ बार लगाये, एक्जिमा से आराम पड़ेगा
2. नीम की २१ कोपलें साफ़ कर ले| इन्हे ६० ग्राम पानी में घोतकर सुबह और शाम ७ दिन तक सेवन करने से एक्जिमा ठीक हो जाता है|
3. नारियल का तेल लगाने से एक्जिमा में आराम होता है।
4. एलो-वेरा का गूदा एक्जिमा होने पर लगाएं, इससे एक्जिमा से राहत मिलती है।
5. हल्दी पाउडर में संतरे का जूस मिला कर लेप करें।